कैसा रहेगा मानसून 2021
स्काइमेट के बाद अब भारतीय मौसम विभाग ने मानसून 2021 का पहला पूर्वानुमान जारी कर दिया है। जहाँ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष देश में 98 फीसदी (5 प्रतिशत कम या ज्यादा) का अनुमान जताया है जो सामान्य बारिश है वहीँ स्काइमेट ने भी इस वर्ष देश में सामान्य बारिश की बात कही है | स्काइमेट ने 103 फीसदी (5 प्रतिशत कम या ज्यादा) का अनुमान लगाया है | कुल मिलाकर कहा जाये तो इस वर्ष अभी तक देश में सामान्य मानसून की सम्भावना व्यक्त की गई है, जो किसानों के लिए अच्छी खबर है |
वर्ष 2003 से भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) समूचे देश के लिए दक्षिण–पश्चिम मानसून ऋतू (जून से सितम्बर) का दो चरणों में प्रचालनात्मक पूर्वानुमान जारी करता आ रहा है | प्रथम चरण का पूर्वानुमान अप्रैल में और दुसरे चरण का पूर्वानुमान मई के अंत में जारी किया जाता है | दुसरे चरण में अप्रैल पूर्वानुमान के अलावा, जुलाई और अगस्त माह की वर्षा के लिए अतिरिक्त पूर्वानुमान समूचे देश के लिए और भारत के चार बहुत भौगोलिक क्षेत्रों में ऋतूनिष्ठ (जून से सितम्बर) वर्षा के लिए पूर्वानुमान भी जारी किए जाते हैं | इस वर्ष मौसम विभाग खेती के लिए अलग से पूर्वानुमान जारी करेगा |
इस वर्ष देश में सामान्य रहेगा मानसून
भारतीय मौसम विज्ञान के पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितम्बर के बीच मानसून दीर्घावधि औसत के 98% रहने की संभावना है | इसमें 5% की ज्यादा या कम होने की संभावना रहती है | इसके पहले वर्ष 1961 से 2010 तक की अवधि के लिए समूचे भारत में ऋतू की वर्षा का दीर्घावधि औसत 88 से.मी. है |
इस अवधि में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद 40 जताई गई है | सामान्य वर्षा 96 से 104 प्रतिशत के बीच होने की उम्मीद है | जबकि समान्य से कम तथा 90 से 96 प्रतिशत वर्षा होने की उम्मीद 25 प्रतिशत की है | इस मानसून सत्र (जून से सितम्बर) के बीच सामान्य से अधिक (104 से 110) प्रतिशत की संभावना 16 प्रतिशत बताई जा रही है |
चित्र से समझिये कहाँ होगी कैसी बारिश
देश के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है जैसा की ऊपर दिए गए चित्र में देखा जा सकता है, चित्र में जो नीला रंग है वह सामान्य से अधिक मानसून को दर्शाता है | वहीँ पीला रंग सामान्य से कम बारिश को दर्शाता है जिसके अनुसार इस वर्ष चित्र में देश के पूर्व और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में है वहां इस साल बारिश में कमी देखी जा सकती है | मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक ओडिशा, झारखंड, बिहार, असम और मेघालय में इस वर्ष सामान्य से कम बारिश हो सकती है जो पीले रंग से दर्शाई गई है |
भारतीय मौसम विभाग मई महीने के अंतिम सप्ताह में जून महीने का पूर्वानुमान जारी करेगा। इस बार जून से लेकर जुलाई तक चार महीने का अलग-अलग पूर्वानुमान जारी किया जाएगा। मई महीने का पूर्वानुमान अप्रैल महीने में, जून का मई, जुलाई का जून में, अगस्त का जुलाई में और सितम्बर महीने का पूर्वानुमान जुलाई महीने में जारी किया जाएगा।
सामान्य वर्षा या अत्यधिक वर्षा की मापदंड क्या है ?
भारतीय मानसून विज्ञान ने वर्षा को 5 खंडों में विभाजित किया है | जिसके आधार पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि वर्षा सामान्य है, अधिक या न्यून है| सामान्य वर्षा 96 से 104 प्रतिशत के बीच को मानी जाती है |
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